अलीगढ़, लोकेश शर्मा। उपचार की जरूरत इंसान काे ही नहीं, वाहनों को भी होती है। वाहनों की तबीयत बिगड़ जाए इंसान भी परेशान हो जाते हैं। बिना वाहन के घर से निकलना मुश्किल है। इन्हीं दुश्वारियों के चलते आज जगह-जगह दोपहिया वाहनों के छोटे-बड़े अस्पताल खुल चुके हैं। लेकिन, एक दौर ऐसा भी था जब अस्पताल तलाशने पड़ते थे, तब एक ही अस्पताल का नाम सुनाई देता था 'शाहकमाल रोड'। अलीगढ़ मंडल में दोपहिया वाहनों का यह पहला अस्पताल है, जो आज भी अपनी पहचान 'ऑटो रिपेयरिंग मार्केट' के नाम से बनाए हुए है। कंपनीबाग चौराहे से ही इसकी सीमा शुरू हो जाती है। यहां दोपहिया वाहनों का छोटे से बड़ा हर पार्टस उपलब्ध है। कबाड़ वाहन भी यहां आने के बाद शोरूम से निकला दिखाई देता है। कारीगर अपने काम में इनते निपूर्ण हैं कि वाहन की आवाज सुनकर की उसकी कमियां गिना देते हैं, सालों का अनुभव जो है। यही वजह है कि पुराने कारीगरों को कारोबारी छोड़ना नहीं चाहते। कुछ कारीगरों ने अपनी अलग दुकानें खोल ली हैं।
कभी यहां थी सब्जी मंडी
ऑटो रिपेयरिंग मार्केट कभी सब्जी मंडी के नाम से विख्यात था। दूर-दराज के किसान यहीं सब्जियां बेचने आते। 60 साल पहले ऑटो मार्केट का कहीं नाम नहीं था। धनीपुर मंडी खुलने के बाद सब्जी मंडी वहां शिफ्ट हो गई। यहां साइकिल व अन्य दोपहिया वाहनों में पंचर लगाने की कुछ दुकानें रह गईं। होटल, ढाबे भी थे। पंचर की दुकानों में ऑटो पार्टस रखे जाने लगे। ग्राहकों का आना शुरू हुआ तो पंचर जोड़ने वालों ने रिपेयरिंग भी शुरू कर दी। इन्हीं को देखकर अन्य लोगों ने यहां ऑटो रिपेयरिंग की दुकानें खोल ली। इसके बाद तो ये मार्केट बढ़ता चला गया। जहां सब्जियां की आढ़त थीं, वहां गोदाम और ट्रांसपोर्ट खुल गए। अब कंपनीबाग चौराहे से शाहकमाल रोड पर दोनों ओर ऑटो रिपेयरिंग मार्केट ही दिखाई देता है। चौराहे के आसपास भी ऑटो पाटर्स की दुकानें खुल चुकी हैं। यहां करीब 100 दुकानें हैं।
माल गोदाम पर भी संवरते वाहन
शाहकमाल रोड पर आॅटो मार्केट के बाद माल गोदाम पर भी दोपहिया वाहनों की मरम्मत की दुकानें खुल गईं, जो अब काफी विकसित हो चुकी हैं। यहां दोपहिया वाहन मॉडिफाइड कराए जाते हैं। सालों पुरानी कबाड़ बाइक की यहां रंगत बदल जाती है। ज्यादातर युवा पुरानी बुलेट बाइक को मॉडिफाइड कराते हैं। वाहनों के हर आधुनिक उपकरण यहां मौजूद हैं। इस मार्केट में करीब 20 दुकानें हैं, जहां दोपहिया वाहनों काे सजाने, संवारने का काम होता है।
नाले पर बना दीं दुकानें
कंपनीबाग चौराहे के निकट ही रोडवेज बस स्टेंड है। शाहकमाल रोड बस स्टेंड से ही सटा है। शाहकमाल रोड पर आने के लिए एक मार्ग नावल्टी सिनेमा के सामने से भी है। यहां नाला बना है, जो दुकानों के नीचे दब चुका है। सालों पूर्व नगर निगम ने नाले के ऊपर ही दुकानें बना दी थीं, जहां अब मार्केट बन चुके हैं। नाला कहीं नजर नहीं आता।
शाहकमाल रोड पर 20 साल से दुकान चला रहा हूं। किसी कारीगर काे खाली बैठे नहीं देखा। अलीगढ़ मंडल का एक मात्र पुराना और बड़ा ऑटो रिपेयरिंग मार्केट है ये। 50 साल में काफी विकसित हो चुका है।
विवेक सिंह जादौन, दुकानदार
दोपहिया वाहनों की रिपेयरिंग का इससे बेहतर मार्केट आसपास के जिलों में भी नहीं है। हर दुकान पर पुराने और बेहतर कारीगर हैं। ग्राहकों का भी विश्वास बना रहता है।
विजय कुमार, दुकानदार