अलीगढ़ : स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की परीक्षा में बैठ रहा नगर निगम नाला सफाई कोई ठोस रणनीति नहीं बना सका। संसाधन होने के बावजूद निगम पुरानी परंपराओं को निभा रहा है। नालों की सफाई कर सिल्ट सड़क पर निकाल दी जाती है। सूखने पर ही सिल्ट को उठाया जाता है। तब तक सड़क सिल्ट से अटी रहती है। हालांकि, नाले से निकली सिल्ट काे ट्रौली में भरने के निर्देश यहां भी हैं। मगर, कर्मचारी किसी की सुनते नहीं, अफसर भी निगरानी नहीं कर पा रहे। देहलीगेट क्षेत्र के गौंडा रोड पर चार दिन पहले निकाली गई सिल्ट अब भी सड़क पर जमा है। इससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित है।
बरती जा रही लापरवाही
शहर में नालों की साफ-सफाई का अभियान लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने में चला था। तब सड़कों पर सन्नाटा था तो सफाई करने में कोई दिक्कत न हुई। संक्रमण न फैले, इसलिए सिल्ट को तत्काल उठा लिया जाता था। तब कई नालों की सफाई कराई गई थी। इसके बाद भी कई नाले बच गए, जिनकी अब साफ-सफाई हो रही हैं। गौंडा रोड पर नीवरी मोड़ से नगर निगम के नाला गैंग ने चार दिन पहले नाले की तली झाड़ सफाई की थी। नाले से सिल्ट निकाल कर सड़क पर डाल दी गई। क्षेत्रीय लोगों ने विरोध किया तो कर्मचारियों ने यह कहकर उन्हें शांत कर दिया कि अगले दिन सिल्ट उठा ली जाएगी। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।
300 मीटर तक फैली सिल्ट
रविवार को करीब 300 मीटर सड़क पर सिल्ट फैली हुई थी। इससे आवागमन तो प्रभावित है ही, लोगों का घर-दुकानों में घुसना मुशिकल हो रहा है। दुर्गंध से भी बुरा हाल है। सिल्ट पर वाहन फिसल रहे हैं। सड़क की गंदगी घरों के अंदर पहुंच रही है। स्थानीय लोगों ने मिट्टी, मलबा डालकर घरों के अंदर जाने के प्रबंध किए हैं। क्षेत्रीय निवासी अकील ने बताया कि इस संबंध में निगम अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तब डीएम बार रूम पर शिकायत की। अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
इनका कहना है
जिन नालों की सफाई नहीं हुई थी, वहां सफाई कराई जा रही है। सिल्ट उठाने के प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके निर्देश दे दिए गए हैं।
डाॅ. शिवकुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी