अलीगढ़ : फ्रेट कॉरिडोर का इंतजार खत्म होने वाला है। अलीगढ़ व हाथरस में काम पूरा हो गया है। 29 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। मुख्य समारोह खुर्जा, प्रयागराज व कानपुर में होंगे। पहले चरण में कानपुर के भाऊपुर से खुर्जा तक मालगाड़ियां चलेंगी। यह करीब 353 किलोमीटर का ट्रैक है। इसमें से हाथरस व अलीगढ़ में 52 किलोमीटर का क्षेत्र है, जो दाउद खा से न्यू हाथरस जंक्शन तक है।
यहां से हर रोज 40 मालगाडि़यां गुजरती हैं। फ्रेट कॉरिडोर पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मालगाड़ियां दौड़ सकेंगी। ये पुराने ट्रैक से हट जाएंगी। फिर पैसेंजर ट्रेनें 130 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। अभी तक 110 किलोमीटर प्रति घटा की रफ्तार से चलती हैं। कॉरिडोर का रेलवे के अधिकारियों ने शनिवार को निरीक्षण भी किया। इस पर मालगाड़ियों का सफल ट्रायल भी हो चुका है। अलीगढ़ में 38 व हाथरस में 14 किलोमीटर क्षेत्र में ट्रैक बिछाया गया है।
यह होगा लाभ
अलीगढ़ से 250 ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें से 52 ट्रेनों का यहा ठहराव है। 40 मालगाड़ी भी यहा से गुजरती हैं। अभी तक मालगाड़ी व यात्री गाड़ी एक ही ट्रैक पर चलती हैं। गाड़ियों की संख्या अधिक होने से दिक्कत होती थी। मालगाड़ियों को रास्ते में ही रोककर यात्री गाड़ियों को निकाला जाता था। फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने से समस्या खत्म हो जाएगी। यात्री ट्रेनों के ट्रैक पर मालगाड़ी नहीं चलेंगी। मालगाड़ियां सिर्फ फ्रेट कॉरिडोर पर ही चलेंगी।
उद्योगों को मिलेगी उड़ान
डीएफसी के निर्माण से पश्चिम बंगाल से लुधियाना तक के उद्योगपतियों को लाभ मिलेगा। मालगाड़ियों के संचालन से अलीगढ़ के ताला उद्योग के साथ ही हाथरस के हींग, रंग व खुर्जा के पॉटरी उद्योग को भी पंख लगेंगे। इससे कारोबारी अपने उत्पादों को कम समय में दूसरे शहरों में भी आसानी से भेज सकेंगे ।
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डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के संचालन से स्थानीय कारोबारियों को लाभ मिलेगा। वे अपने उत्पादों को आसानी से एक शहर से दूसरे तक पहुंचा सकेंगे। इस माह के अंत में ट्रैक पर मालगाड़िया दौड़ सकेंगी।
वेदप्रकाश, जनसंपर्क अधिकारी, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर