अलीगढ़ : गभाना क्षेत्र के सैमला गांव में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वाधान में हिदू परिवार की साज सज्जा प्रतियोगिता व वयोवृद्ध सम्मान समारोह हुआ। कार्यक्रम के दौरान एटा के प्रांत कार्यवाह राजपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति परिवार रूपी गठरी से बंधी रहने के नाम से जानी जाती रही है। भारतीय सभ्यता में कुटुंब परिवार का मूल्य सबसे बड़ा माना गया है। कुटुंब परिवार की वह कड़ी आपस में ऐसी जुड़ी रहती थी, मानो बहुत सारे फूलों की एक माला हो, लेकिन आज भौतिक सुख सुविधाओं की चाह में लोग अपने गांवों को छोड़कर शहरों की रौनक बनते जा रहे हैं। आधुनिक युग में छोटी-छोटी बातों को लेकर आज परिवार विखंडित होते जा रहे हैं। यह चिता का विषय है। बौद्धिक प्रमुख राजपाल ने कहा कि आज के बच्चों में भारतीय संस्कृति का अभाव देखने को मिलता है। इसमें बच्चों से कहीं ज्यादा जिम्मेदार हम स्वयं हैं।
आज की इस भाग दौड़ में माता-पिता बच्चों को पर्याप्त समय ही नहीं दे पाते हैं, जिससे बच्चों को नैतिक मूल्यों के साथ अपनी संस्कृति, नैतिकता व शिष्टाचार का ज्ञान कराया जा सके। हम सभी को अपने दायित्वों को निभाते हुए बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के साथ ही उन्हें अपनी संस्कृति से भी रूबरू कराना चाहिए। प्रतियोगिता के दौरान हिदू परिवार की घरेलू उत्कृष्ट साज-सज्जा करने वाली चार महिलाओं को पुरस्कृत किया गया। बाद में क्षेत्र के 60 से अधिक वयोवृद्ध को शॉल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर जिला प्रचारक नेमसिंह, जिला संघ चालक अजीत तौमर, सह जिला संघ चालक नीरज गुप्ता, सुशील कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, हरेंद्र सिंह, हरिप्रसाद, अतुल, राजकुमार उर्फ राजू, यदुपाल, इंद्रदेवी, मैनपाल, राजेंद्र सिंह आदि समेत ग्रामीण मौजूद रहे।