अलीगढ़ । प्रो-बिलिंग से विद्युत विभाग में मीटर रीडरों के होश उड़ गए हैं। मीटर रीडरों का कहना है कि उनके पास संसाधन नहीं है, वो प्रो-बिलिंग नहीं कर सकते हैं। जिस कंपनी के अंतर्गत वह काम कर रहे हैं वो कंपनी भी उन्हें सुविधा नहीं देती है। ऐसे में काम करना मुश्किल हो जाएगा।
यह है बिजली विभाग की व्यवस्था
उप्र पॉवर कार्पोरेशन ने बिल में सेटिंग रोकने के लिए प्रो बिलिंग सिस्टम की शुरुआत की है। इसमें मीटर रीडर को ब्लू टूथ या फिर मोबाइल की लीड को मीटर में लगाकर बिलिंग करनी होती है। इससे मीटर रीडर के मोबाइल में बिल, लोड और रीडिंग आदि सब आ जाती है। इससे बिल में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकती है। जितनी बिजली खर्च होगी उतना ही बिल आएगा। मगर, इससे मीटर रीडरों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। उनका कहना है कि उनके पास संसाधन नहीं है। उनके मोबाइल भी पुराने हैं। बार-बार लीड लगाने से वो खराब हो जाएंगे। गुरुवार को मीटर रीडर अधीक्षण अभियंता ग्रामीण धर्मेंद्र सारस्वत के पास अपनी समस्या लेकर पहुंच गए। मीटर रीडरों ने कहा कि कंपनी मोबाइल देगी नहीं, हमारे पास पुराने मोबाइल हैं, उससे बिल निकालना संभव नहीं हो पाएगा। कहीं कोई गड़बड़ी हुई तो उनकी वेतन काट लिया जाता है, इसलिए उनके लिए कार्य करना मुश्किल होगा। अधीक्षण अभियंता ने कहा कि शासन का निर्देश है, इसलिए कार्य करना होगा। समस्या कंपनी के सामने रखेंगे और उसका निदान भी कराएंगे।
वेतन से काट लिए रुपये
मीटर रीडरों ने बताया कि उनका जमकर शोषण हो रहा है। पिछली बार उनके वेतन से 200-200 रुपये काट लिए गए। बिल में थोड़ी भी गड़बड़ी होती है तो वेतन आधा कर दिया जाता है। कंपनी उनकी समस्या सुनती नहीं, विद्युत विभाग कोई रास्ता नहीं निकालता है। इसलिए काम करना मुश्किल होता है।