अलीगढ़ । सीएम योगी आदित्यनाथ ने छुट्टा गोवंश के संरक्षण के लिए शहर से लेकर देहात तक गोशालाएं तो बनवा दी, लेकिन अब बजट की कमी आड़े आने लगी है। जिले में पिछले चार महीने अधिकांश गोशालाओं को सरकारी अनुदान नहीं मिला है। इसके चलते अब चारे-भूसे की कमी होने लगी है। फिलहाल गोशालाओं पर 3.98 करोड़ का कर्ज है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक महज 4.55 करोड़ का भुगतान हुआ है, जबकि विभाग ने शासन को 11 करोड़ की डिमांड भेजी थी।
161 गौशालाएं जिले में
2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएम बनते ही शुरुआत से ही गोवंश संरक्षण पर जोर दिया है। उन्होंने गोशाला निर्माण के लिए बजट का खजाना खोल दिया। नगरीय निकायों के साथ ही गांव देहात में भी बड़ी संख्या में गोशालाएं बनी है। जिले में पशुपालन विभाग की ओर से अब तक 161 गोशालाएं स्थापित हो चुकी है। इनमें करीब 19 हजार गोवंश संरक्षित है।
11 करोड़ की मांग
पशु पालन विभाग इसके लिए वित्तीय वर्ष में बजट की मांग करता है। अप्रैल में जिले 2020-21 के लिए 11 करोड़ की धनराशि की मांग की गई थी। अब नौ महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक महज 4.55 करोड़ ही मिले है। इस धनराशि से अगस्त सितंबर तक का ही भुगतान हो सका है। इसके बाद से गोशालाओं का पैसा नहीं मिला है। गोशालाओं पर दिसंबर तक 3.98 करोड़ का बकाया है।
सचिव की बढ़ी जिम्मेदारी
ग्राम पंचायतों में सचिव व प्रधानों की संयुक्त देखरेख में गोशालाओं का संचालन हो रहा था। प्रधान कई बार गांव में उधार भी भूसा चारा खरीद लेता था, लेकिन अब प्रधानी खत्म हो गई है। ऐसे में सचिव के ऊपर ही जिम्मेदारी बढ़ गई है।
महत्वपूर्ण तथ्य
-20 कुपोषित परिवारों को भी दिए गए गोवंश
-545 निजी किसानों को भी मिलती है धनराशि
-30 रुपये प्रति गोवंश मिलता है एक दिन का अनुदान
शासन से बजट नहीं आया है, इसके चलते दिक्कतें आ रही है। मेरी किसानों से अपील है कि वह गोवंश को न छोड़े। इससे विभाग पर जिम्मेदारी बढ़ रही है।
डॉ. बीपी सिंह, सीवीओ